Saturday, February 27, 2010

उमंग

ज़िन्दगी जीने की उमंग सी जागी है,
मेरे दिल में तरंग सी जागी है !

उम्मीद-ओ-आरज़ू में इस क़दर हूँ रोशन,
मानो तहखाने में सुरंग सी जागी है !

अंदाज़ कुछ जुदा है, ऊँची इस उड़ान का,
मानो आसमा में पतंग सी जागी है !

गुज़रा कभी तो वक़्त मायूस इस क़दर भी,
अहसास की झड़ी अब सलंग सी जागी है !

चंद लम्हों में ख्याल, न कभी तो सदियों में,
"साबिर" शब्-ए-इंतज़ार(१) पलंग सी जागी है

१ = इंतज़ार की रात

Friday, February 19, 2010

उसका दर्द !!

आँखों में आंसू, लब पे हंसी है कोई,
"साबिर" हर गम में भी ख़ुशी है कोई !

इक अंजना सा दर्द है उसकी आँखों में,
हँसते चेहरे में छुपी उदासी है कोई !

वो खुश नहीं हैं मुझे इनकार करके भी,
मिलने की चाहत में रूह प्यासी है कोई !

मेरी किस्मत में है परस्तिश(१) उसकी,
मुहब्बत से बेहतर भी बंदगी है कोई !!

१ परस्तिश = पूजा