आँखों में आंसू, लब पे हंसी है कोई,
"साबिर" हर गम में भी ख़ुशी है कोई !
इक अंजना सा दर्द है उसकी आँखों में,
हँसते चेहरे में छुपी उदासी है कोई !
वो खुश नहीं हैं मुझे इनकार करके भी,
मिलने की चाहत में रूह प्यासी है कोई !
मेरी किस्मत में है परस्तिश(१) उसकी,
मुहब्बत से बेहतर भी बंदगी है कोई !!
१ परस्तिश = पूजा
shukriya !!
ReplyDeleteवो खुश नहीं हैं मुझे इनकार करके भी,
ReplyDeleteमिलने की चाहत में रूह प्यासी है कोई !
kya baat hai... meri taraf se main kahoonga:
कदम बढ़ा के फिर रोक लेना;
उसकी हर सांस में बेबसी है कोई!
shaandar, anek dhanyawaad !!!
ReplyDeleteमेरी किस्मत में है परस्तिश(१) उसकी,
ReplyDeleteमुहब्बत से बेहतर भी बंदगी है कोई !!
awesome...
bahut bahut shukriya bhai !!!
ReplyDeleteBehatreen!!
ReplyDeleteji zarranawazi ka bahut shukriya :)
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