Saturday, November 28, 2009

साबिर @ His Very Best !!!


उसे पाने की कोशिशें, ज़ाया भी नहीं,

खोया है उसे, जिसे पाया भी नहीं !

बार बार खुशामदें और मिन्नतें की मैंने,

पर अफ़सोस, उसने मुझे आज़माया भी नहीं !

फक्र है मुझे मेरी पहली मुहब्बत का,

फिर किसी और से दिल लगाया भी नहीं !

कुछ करिश्मा है उस फ़रिश्ते की हस्ती में,

मेरे छोटे से दिल में वो समाया भी नहीं !

ग़मगीन किया अक्सर, अपना हाल-ए-दिल सुनाकर,

ये क्या सितम है, उसे हंसाया भी नहीं !

उससे मुलाक़ात तो मुश्किल थी, हमेशा की तरह,

कल रात वो मेरे ख़्वाबों में आया भी नहीं !

एक ख़ुशी है, उसका इनकार सुनकर भी,

आखिर वो अपना है, पराया भी नहीं !

कोई कोशिश ना की उसको याद रखने की,

मगर कभी उस अहसास को भुलाया भी नहीं !

और क्या आलम होगा तन्हाई का ?

कड़ी धुप में साथ साया भी नहीं !

बड़ा जुदा है अंदाज़ इश्क का मेरा,

आज तक मैंने उसे सताया भी नहीं !

राइ का पहाड़ किया उसकी तारीफ़ में मैंने,

मगर वो शख्स कभी इतराया भी नहीं !

ज़माने को खबर रही मुहब्बत की मेरी,

जिससे कहना था उसे बताया भी नहीं !

जीत लिया दिल उसका, अपनी कोशिशों से,

और किसी रकीब को हराया भी नहीं !

सुना था बड़ा मीठा है सब्र का फल,

पर जब मिला तो खाया भी नहीं !

ज़िन्दगी नामुमकिन है उसके बिना,

उसने मेरा साथ निभाया भी नहीं !

"साबिर" दिलखुश रहा ज़िन्दगी का सफ़र,

सिवाए गम के कुछ कमाया भी नहीं !!


8 comments:

  1. great work..simply awesome....
    ज़माने को खबर रही मुहब्बत की मेरी,
    जिससे कहना था उसे बताया भी नहीं !
    waah...waah....

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  2. wah janab...

    zameem pe nahi girne diya ek aansoon
    palko main raha aur giraya bhi nahi

    kore kagaz pe likha hai naama (letter) usko
    sab kuch likha aur kuch chupya bhi nahi

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  3. bahut bahut dhanyawaad is ghazal mein ijafa karne ke liye :), wakai shandaar.......

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  4. कोई कोशिश ना की उसको याद रखने की,
    मगर कभी उस अहसास को भुलाया भी नहीं !
    too gud sir!!..hats off really!!

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