Friday, April 9, 2010

वो फ़रिश्ता !!!

अपनी मजबूरियों का जब सबब कहा उसने,
मेरी गुस्ताखियों को भी अदब कहा उसने !

वक़्त लगा उसे मेरे जज़्बात को समझने में,
मगर मेरे अंदाज़-ए-बयान को गज़ब कहा उसने !

माफ़ करके तमाम गुनाहों को मेरे,
अपनी इनायतों को सितम कहा उसने !

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