ला-इलाज मर्ज़ की दवा तो कीजिये,
और कुछ न सही, दुआ तो कीजिये.
सजा हमें जो दे चुके कई खताओं की,
आप खुद भी यूँ कभी, खता तो कीजिये.
बेकरार हो गए हैं, तेरे इंतज़ार में,
बीमार का अब हाल, पता तो कीजिये.
मशहूर हैं किस्से अपनी वफाओं के भी,
बेवफाई का हक, अदा तो कीजिये.
यूँ ही करें सजदा, तन्हाई के आलम में,
"साबिर" किसी पत्थर को खुदा तो कीजिये.
और कुछ न सही, दुआ तो कीजिये.
सजा हमें जो दे चुके कई खताओं की,
आप खुद भी यूँ कभी, खता तो कीजिये.
बेकरार हो गए हैं, तेरे इंतज़ार में,
बीमार का अब हाल, पता तो कीजिये.
मशहूर हैं किस्से अपनी वफाओं के भी,
बेवफाई का हक, अदा तो कीजिये.
यूँ ही करें सजदा, तन्हाई के आलम में,
"साबिर" किसी पत्थर को खुदा तो कीजिये.
shukriya, zarranawazi ke liye, warna nacheez kis kaabil hai ......
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